What happenen after death |
पर आप सभी ने कभी ये सोचा है कि अगर आत्मा शरीर त्याग देती है तो नर्क लोक मैं उसे यातना कैसे मिलती है क्योंकि आत्मा तो हर स्पर्श से परे है दरसल इस सभी का ज्ञान हमे गरूड़ पुराण में मिलता है ।
Punishment of hell |
यह पांच भूत है हवा,पानी,धरती,शरीर और आत्मा। इन सभी चीज़ों से ही हमारा शरीर बना है और अंत में इसी में मिल जाता है। एक बार आत्मा शरीर को त्याग देती है तो उसे दिव्य दृष्टि मिलती है जो सिर्फ भगवान के पास होती है ताकि वह सारे संसार को एक सात देख सकें।
Yamraaj |
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि आत्मा के निकलते समय यमराज प्रकट होते है जो शनिदेव के भ्राता है । यमराज दिखने में खतरनाक और राक्षसी रूपी होते है। यमराज का खतरनाक रूप देखने पर पांचभूतो से बने शरीर में से निकली आत्मा अँगूष्ठमात्र शरीर में बदल जाती है। अँगूष्ठमात्र शरीर का अर्थ है अंगूठे के साइज का ,हिन्दू पुराण में कहा गया है ये वही शरीर का हिस्सा होता है जिसमें दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ था जो उन ग्यारह प्रजापतियों में से एक थे जो सृस्टि के निर्माण में सामने आए । दरसअल हिन्दू पुराण में बताया गया है कि इंसान को बनाने का सफर बंदरों से नही बल्कि 11 ऋषियों से हुया था।
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यकमलोग की यात्रा कर समय प्रेतयोनि में मजूद प्रेत अपने परिवार दुआरा दिए गए पिंड दान का भोजन करते है और उसके समक्ष वापस न आने का संकल्प लेते हुए उन्हें आशीर्वाद देते है। इसलिए यह पुत्र या भाई की जिम्मेदारी होती है कि वे पिंड दान करें।
कुछ नई पीढ़ी के लोग इस पर विशवास नही करेंगे पर नर्क की सज़ायें किसी इंसान को पाप न करने का डर तो उत्पन्न करती है और किसी इंसान को पाप करने से बचाने ही हिन्दू धर्म है। हर इंसान को पाप करने से पहले एक बार गरुड़ पुराण पढ़ लेना चाहिए ।
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भगवान विष्णु को क्यों मिला श्राप।
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1 Comments
Mera manna hai ki aadmi ko prithvi lok pe hi karni ka phal bhukatna cahiye,taki apni galti ka ehsaash ushe ho.
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